अविभाग प्रतिच्छेद
शक्ति के अंश को अविभागप्रतिच्छेद कहते हैं। यह जड़ व चेतन सभी द्रव्यों में देखे जाते हैं। जैसे— सबसे कम अनुभाग से युक्त परमाणु के किसी एक गुण अर्थात् स्पर्श, रस, गंध आदि को बुद्धि से ग्रहण करके उसका विभाग रहित छेद होने तक बुद्धि के द्वारा छेद करना चाहिए। उसे नहीं छेदने योग्य विभाग रहित अंश को अविभागी-प्रतिच्छेद कहते हैं ।