1. पदार्थों को नहीं जान पाना अज्ञान कहलाता है। 2. मिथ्यात्व सहित ज्ञान को अज्ञान कहा जाता है। 3. संशय, विमोह व विभ्रम से दूषित ज्ञान को अज्ञान माना गया है । 4. हित-अहित का विवेक नहीं होना अज्ञान है। …
अज्ञानीजीवों का आचरण देखकर स्वयं वैसा ही आचरण करना, उसमें क्या दोष है तथा अज्ञानी के लायक उद्गम आदि दोषों से सहित उपकरण आदिकों का सेवन करना अज्ञान अतिचार है।
वादी के कथन का परिषद द्वारा विज्ञान किये जा चुकने पर यदि प्रतिवादी को ज्ञान नहीं हुआ है तो प्रतिवादी का “अज्ञान” नाम का निग्रह स्थान होगा।
‘यह मूर्ख है’ ‘कुछ नहीं जानता, पशु के समान है इत्यादि तिरस्कार के वचनों को मैं सहन करता हूँ, मैने परम दुर्धर तप किया है मेरा चित्त निरन्तर अप्रमत्त रहता है तो मेरे अभी तक भी ज्ञान का अतिशय नहीं …