अज्ञान
1. पदार्थों को नहीं जान पाना अज्ञान कहलाता है। 2. मिथ्यात्व सहित ज्ञान को अज्ञान कहा जाता है। 3. संशय, विमोह व विभ्रम से दूषित ज्ञान को अज्ञान माना गया है । 4. हित-अहित का विवेक नहीं होना अज्ञान है। सामान्यतः ज्ञान का अभाव या ज्ञान की कमी होना अज्ञान कहलाता है पर जैनदर्शन में दूषित या अहितकारी ज्ञान को भी अज्ञान माना गया है। आत्मज्ञान नहीं होना भी अज्ञान है।