अधर्म द्रव्य
- Home
- अधर्म द्रव्य
जो ठहरते हुए जीव और पुद्गल को ठहरने में सहायक होता है उसे अधर्म द्रव्य कहते हैं । यह द्रव्य समूचे लोक में व्याप्त है। यह अचेतन और अरूपी है। इसका कार्य वृक्ष की छाया की तरह है जो राहगीर को ठहरने में सहायक है।
antarang tap
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now