अज्ञानवाद
कुत्सित् या खोटे ज्ञान को अज्ञान कहते हैं, वह जिसमें पाया जाये सो अज्ञानिक है। उन अज्ञानियों का जो मत या वाद है सो अज्ञानवाद है। उसे मानने वाले अज्ञानवादी हैं। उनकी मान्यता ऐसी है कि अज्ञान प्रेय है क्योंकि असत् की चिंता करके किया गया कर्मों का बन्ध विफल है तथा किसी को भी कभी भी किसी भी वस्तु ज्ञान नहीं होता क्योंकि प्रमाण के द्वारा असम्पूर्ण ही वस्तु को विषय करने में आता है इस प्रकार जानना चाहिये । 67 प्रकार के अज्ञान द्वारा मोक्ष मानने वाले मस्करपूरण मतानुसारी को अज्ञान मिथ्यात्व होता है।