23 Julyअहेतुमत् Posted by kundkund Comments 0 commentजो सर्वज्ञ की आज्ञा ही करि केवल प्रमाणता को मानिए सो अहेतुमत् है। Read More
23 Julyअहेतुसमा Posted by kundkund Comments 0 commentतीनों काल में वृतिता के आश्रित हो जाने से अहेतुसमा जाति होती है अर्थात् साध्य स्वरूप अर्थ के साधन करने में हेतु का तीनों कालों में वर्तना नहीं बनने से प्रत्यवस्थान देने पर अहेतुसमा जाति होती है। जैसे हेतु क्या … Read More