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असं असत असद असम असर असह असा असि असु अस्
23 July

अस्ति नास्ति भंग 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

बिना किसी वस्तु का निषेध किए हुए, विधि रूप ज्ञान नहीं हो सकता है। प्रत्येक वस्तु स्वरूप वस्तु से विद्यमान है, वह रूप से विद्यमान नहीं है। यदि वस्तु का सर्वथा भाव रूप से किया जाये तो एक वस्तु सद्भाव …

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23 July

अस्तिकाय 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

जो बहुप्रदेशों के समूह वाला हो वह काय है। इसलिए जो बहुप्रदेशी हैं वे अस्तिकाय कहलाते हैं। जीव, पुद्गल, धर्म, अधर्म और आकाश ये पाँच अस्तिकाय हैं। जीव, धर्म और अधर्म द्रव्य असंख्यात प्रदेशी हैं, आकाश अनन्त प्रदेशी है और …

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23 July

अस्तित्व 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

जिस शक्ति के निमित्त से द्रव्य का कभी विनाश न हो उसको अस्तित्व गुण कहते हैं। अस्तित्व का अर्थ सत्ता, सद्भाव या स्थिति भी है जिसमें एक पर्याय का विनाश होता है अन्य पर्याय की उत्पत्ति होती है तथा जो …

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15 July

अस्तित्व

  • Posted by kundkund

1. `अस्तित्व’ शब्द के अनेक अर्थ 1. सामान्य सत्ता के अर्थ में अस्तित्व राजवार्तिक अध्याय 2/7/13/111/32 अस्तित्व तावत् साधारणं षड्द्रव्यविषयत्त्वात्। तत् कर्मोदयक्षयक्षयोपशमोपशमानपेक्षत्वात् पारिणामिकम्। = अस्तित्व छहों द्रव्यों में पाया जाता है अतः साधारण है। कर्मोदय, क्षय, क्षयोपशम व उपशम से …

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23 July

अस्तित्व नय 

  • Posted by kundkund
  • Comments 0 comment

आत्म द्रव्य अस्तित्त्व द्रव्य से सो द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव से अस्तित्व वाला है, जैसे कि द्रव्य की अपेक्षा लोहमयी, क्षेत्र की अपेक्षा प्रत्यंचा और धनुष के मध्य में निहित काल की अपेक्षा संधान दशा में रहे हुए और …

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