बिना किसी वस्तु का निषेध किए हुए, विधि रूप ज्ञान नहीं हो सकता है। प्रत्येक वस्तु स्वरूप वस्तु से विद्यमान है, वह रूप से विद्यमान नहीं है। यदि वस्तु का सर्वथा भाव रूप से किया जाये तो एक वस्तु सद्भाव …
1. `अस्तित्व’ शब्द के अनेक अर्थ 1. सामान्य सत्ता के अर्थ में अस्तित्व राजवार्तिक अध्याय 2/7/13/111/32 अस्तित्व तावत् साधारणं षड्द्रव्यविषयत्त्वात्। तत् कर्मोदयक्षयक्षयोपशमोपशमानपेक्षत्वात् पारिणामिकम्। = अस्तित्व छहों द्रव्यों में पाया जाता है अतः साधारण है। कर्मोदय, क्षय, क्षयोपशम व उपशम से …
आत्म द्रव्य अस्तित्त्व द्रव्य से सो द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव से अस्तित्व वाला है, जैसे कि द्रव्य की अपेक्षा लोहमयी, क्षेत्र की अपेक्षा प्रत्यंचा और धनुष के मध्य में निहित काल की अपेक्षा संधान दशा में रहे हुए और …