साधुओं को जिनमन्दिर या वसति (मुनि का निवास) आदि से निकलते समय ‘असही’ शब्द का उच्चारण करना चाहिए। जिसने इस लोक एवं परलोक आदि समस्त परिग्रह का त्याग कर दिया है उसके निश्चय नय से ‘असही’ समझना चाहिए । अन्यों …
भगवती आराधना / विजयोदयी टीका / गाथा 150/345/11 जिनायतनं यतिनिवासं वा प्रविशन् प्रदक्षिणीकुर्यान्निसीधिकाशब्दप्रयोगं च। निर्गंतुकाम आसीधिकेति। आदिशब्देन परिगृहीतस्थानभोजनशयनगमनादिक्रिया।= जिनमंदिर अथवा यतिका निवास अर्थात् मठ में प्रवेश कर प्रदक्षिणा करें। उस समय निसिधिका शब्द का उच्चारण करें, और वहां से लौटते …