समीपवर्तीपन वह समवाय है, वहीं अपृथकपना और अयुतसिद्धपना है। इसलिए द्रव्य और गुणों की अयुक्त सिद्धि कही । इसके विपरीत असमवयी है, जो द्रव्य में समवेत हो अर्थात् कथंचित तादात्म्य सम्बन्ध रखता हो, उसे समवाय द्रव्य कहते हैं। गलगण्ड, काना, …
उपकरण आदि वस्तु बिना साफ किए ही जमीन पर रख देना अथवा जिस पर उपकरणादिक रखे जाते हैं उसको अर्थात् चौकी जमीन वगैरह को अच्छी तरह साफ न करना, इसको दुष्प्रमष्टनिक्षेपाधिकरण कहते हैं। साफ करने पर जीव हैं अथवा नहीं …