अनंतगुणवृद्धि को अष्टांक कहते है, क्योंकि आठ के अंक की अनंतगुणवृद्धि रूप से स्थापना की गई है। अर्थात् आठ का अंक अनंतगुणवृद्धि की सहनाती है।
प्रत्येक कारण और एकार्थवाची नाम है जो पूरता है अर्थात् उत्पन्न करता है इस व्युत्पत्ति के कारण पूर्व निमित्त कारण ये एकार्थवाची नाम है। कार्यकाल में क्षण पहले से रहते हुए कार्यउत्पत्ति में सहायता करने वाले अर्थ को निमित्त काल …
देवों के द्वारा नन्दीश्वर द्वीप में प्रत्येक वर्ष आषाढ़, कार्तिक और फाल्गुन मास में अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक आठ दिन निरंतर भक्तिपूर्वक जो जिनेन्द्र प्रतिमाओं की पूजा की जाती है, उसे अष्टाह्निक- पूजा कहते हैं।