अन्य धर्मों में व्यावृत्तिपूर्ण निज स्वरूप का निश्चय कराने वाले धर्मविशेष की संयुक्ततर को अवच्छिन्न कहते हैं। जैसे घट घटत्व धर्म से अवच्छिन्न है क्योंकि यह धर्म पटत्व धर्म से व्यावृत्तिपूर्वक घट के स्वरूप का निश्चय कराता है। इतना विशेष …
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