तेरहवें गुणस्थानवर्ती सयोग केवली भगवान जब अपने जीवन के अंतिम क्षणों में विशुद्ध ध्यान के द्वारा मन-वचन-काय की समस्त क्रियाओं का निरोध कर देते हैं तब योग से रहित इस अवस्था में वे अयोग- केवली – जिन कहलाते हैं। यह …
तेरहवें गुणस्थानवर्ती सयोग केवली भगवान जब अपने जीवन के अंतिम क्षणों में विशुद्ध ध्यान के द्वारा मन-वचन-काय की समस्त क्रियाओं का निरोध कर देते हैं तब योग से रहित इस अवस्था में वे अयोग- केवली – जिन कहलाते हैं। यह …
Not a member yet? Register now
Are you a member? Login now