अधोलोक में सबसे पहली रत्नप्रभा पृथ्वी है उसके तीन भाग हैं- खरभाग, पंकभाग और अब्बहुल भाग। इन तीनों भागों का बाहुल्य क्रमशः सोलह हजार चौरासी हजार और अस्सी हजार योजन प्रमाण है। यहाँ से नरक प्रारम्भ होते हैं । अब्बहुल …
जो कोई पुरुष एक रात भी वेश्या के साथ निवास करता है, वह लुहार, चमार, भील, चाण्डाल, भंगी और पारसी आदि नीच लोगों का झूठा भोजन खाता है, क्योंकि वेश्या सभी लोगों के साथ शयन करती है। कोई भी अपराध …