अनेकांत अनेकांत वस्तु में एक ही समय अनेकों क्रमवर्ती व अक्रमवर्ती विरोधी धर्मों, गुणों, स्वभावों व पर्यायों के रूप में-भली प्रकार प्रतीति के विषय बन रहे हैं। जो वस्तु किसी एक दृष्टि से नित्य प्रतीत होती है वही किसी अन्य …
एक ही वस्तु में परस्पर विरोधी अनेक धर्मों की प्रतीति को अनेकान्त कहते हैं। जैसे- एक ही व्यक्ति पिता, पुत्र, भाई आदि अनेक रूपों में दिखाई देता है, इसी तरह प्रत्येक वस्तु अनेक धर्मों से समन्वित है। अनेकान्त भी दो …