जो बिना ही ब्रह्मचारी का भेष धारण किये शास्त्रों का अभ्यास करते हैं और फिर ग्रहस्थ धर्म धारण करते हैं, उन्हें अदीक्षा ब्रह्मचारी कहते हैं। अदृष्टान्तवचनोदाहणाभास (जो दृष्टान्त नहीं है उसका सम्यक वचन होना ) नाम का दूसरा उदाहरणाभास इस …
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