जो द्वादशांग के अग्र अर्थात् प्रधान पदार्थ को प्रतिपादित करता है वह अग्रायणी पूर्व है। इसके अन्तर्गत क्रियावाद आदि की प्रक्रिया और स्व – समय का विषय विवेचित किया जाता है।
जो आहार द्रव्य से प्रारंभ होकर (देखिये अग्रहण वर्गणा) तैजस द्रव्य, वर्गणा को प्राप्त नहीं होती या तैजस द्रव्य वर्गणा से प्रारंभ होकर भाषा द्रव्य को प्राप्त नहीं होती या भाषा द्रव्य वर्गणा से प्रारंभ होकर मनोद्रव्य वर्गणा को प्राप्त …