अंकप्रभ
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कुंडलवर पर्वत स्थित पश्चिम दिशा का एक कूट । यह महाहृदय देव की निवासभूमि है ।- देखें लोक – 5.12।
कुंडलवर द्वीप के मध्य में स्थित कुंडलगिरि के पश्चिम दिशावर्ती चार कूटों में दूसरा कूट । यह महाहृदय देव की निवासभूमि है । हरिवंशपुराण 5.686, 693
Tag:शब्द
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