असमीक्षाधिकरण
उपकरण आदि वस्तु बिना साफ किए ही जमीन पर रख देना अथवा जिस पर उपकरणादिक रखे जाते हैं उसको अर्थात् चौकी जमीन वगैरह को अच्छी तरह साफ न करना, इसको दुष्प्रमष्टनिक्षेपाधिकरण कहते हैं। साफ करने पर जीव हैं अथवा नहीं हैं यह देखे बिना उपकरण आदिक रखना अप्रत्यवेक्षित निक्षेपाधिकरण कहते हैं। प्रयोजन का विचार किए बिना मर्यादा के बाहर अधिक काम करना असमीक्षाधिकरण है। मन वचन काय के भेद से वह तीन प्रकार का है । निरर्थक काव्य आदि का चिंतन करना मानस अधिकरण है। निष्प्रयोजन परपीड़ादायक कुछ भी बकवास करना वाचनिक अधिकरण है। बिना प्रयोजन बैठे या चलते हुए सचित्त या अचित्त पत्र, पुष्प, फलों का छेदन, भेदन, मद्रन, कुट्टन या क्षेपण करना और अग्नि, विष, क्षार आदि देना कायिक असमीक्षाधिकरण है।