अर्थ सम्यग्दर्शन
आगम को पढ़े बिना ही उसमें प्रतिपादित अर्थ या भाव को जानकर जो सम्यग्दर्शन होता है उसे अर्थ- सम्यग्दर्शन कहते हैं।
आगम को पढ़े बिना ही उसमें प्रतिपादित अर्थ या भाव को जानकर जो सम्यग्दर्शन होता है उसे अर्थ- सम्यग्दर्शन कहते हैं।
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