अनशन
भौतिक सुखों की आकांक्षा से रहित होकर सब प्रकार के आहार का त्याग करना अनशन या उपवास कहलाता है। अनशन का उद्देश्य अपने आत्मसुख में लीन रहना, स्वाध्याय करना, मन और इन्द्रियों पर विजय पाना और कर्मों का क्षय करना है। अनशन तप के दो भेद हैं- अवधृतकाल अनशन और अनवधृतकाल अनशन । एक दो दिन के लिए आहार का त्याग करना अवधृतकाल या नियतकाल अनशन है। जीवन पर्यन्त के लिए अर्थात समाधि के समय शरीर छूटने तक आहार का त्याग कर देना अनवधृतकाल या अनियतकाल अनशन है।