अनंगक्रीड़ा
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लिंग तथा भग या योनि अंग है। इससे दूसरे स्थान में क्रीड़ा या केलि सो अयोग्य अंग से क्रीड़ा है अर्थात् कामसेवन के अंगों को छोड़कर या अन्य रीति से क्रीड़ा करना सो अनंगक्रीड़ा है।
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