अतिथि संविभाग
अतिथि के लिए विभाग करना अतिथि संविभाग है । आवश्यक है कि श्रावक अपने लिए संचित किए गए द्रव्य (आहार आदि सामग्री) में से यथायोग्य द्रव्य श्रद्धा भक्ति पूर्वक साधुजनों के लिए दान स्वरूप दे, यह उसका अतिथि संविभाग व्रत है । जो मोक्ष प्राप्ति के लिए संकल्पित है, संयम के पालन करने में तत्पर है और शुद्ध है, ऐसे अतिथि के लिए शुद्ध मन से निर्दोष भिक्षा देना, सम्यग्दर्शन आदि बढाने वाले उपकरण देना, योग्य औषधि उपलब्ध कराना तथा परमधर्म की प्रभावना में सहायक निवास स्थान देना, यह चार प्रकार का अतिथि संविभाग हैं।