अवगाहना
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1. जीवों के शरीर की ऊंचाई, लम्बाई आदि को अवगाहना कहते हैं। 2. आत्मप्रदेश में व्याप्त करके रहना अवगाहना है । यह दो प्रकार की है – जघन्य और उत्कृष्ट । जैसे- कर्मभूमि के मनुष्य की जघन्य अवगाहना तीन हाथ और उत्कृष्ट पाँच सौ पच्चीस धनुष ।
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