जो हेतु पक्ष-विपक्ष और सपक्ष तीनों में रहे, उसे अनैकान्तिक कहते हैं। वह दो प्रकार का हैनिश्चित विपक्षवृत्ति और शंकित विपक्षवृत्ति । जो हेतु विपक्ष में निश्चित रूप से रहे उसे निश्चित विपक्षवृत्ति अनैकान्तिक कहते हैं। जो शब्द अनित्य है …
दो प्रकार है- देशविपरिणामना और सर्वविपरिणामना। जिन प्रकृतियों का अधःस्थिति गलन के द्वारा एकदेश निर्जरा को प्राप्त होता है वह देश–प्रकृति विपरिणामना कही जाती है। जो प्रकृति सर्वनिर्जरा के द्वारा निर्जरा को प्राप्त होती है सर्व विपरिणामना कही जाती है। …
साध्य के विरुद्ध धर्म से विपरीत वैधर्म्य उदाहरण होता है। जैसे- शब्द अनित्य है। उत्पत्यर्थ वाला होने से जो उत्पत्ति धर्म वाला नहीं होता है, वह नित्य देखा गया है। जैसे- आकाश, आत्मा, काल आदि । जो-जो अग्निवाला नहीं होता …
1. वस्त्र आदि परिग्रह से युक्त साधु को भी निर्ग्रन्थ मानना, केवली भगवान को कवलाहारी मानना तथा स्त्री विपर्यय मिथ्यादर्शन या विपरीत— मिथ्यात्व है। 2. हिंसा, झूठ, चोरी या अज्ञान आदि से मुक्ति प्राप्त होती है, ऐसा मानना विपरीत – …