विपरिणामना
दो प्रकार है- देशविपरिणामना और सर्वविपरिणामना। जिन प्रकृतियों का अधःस्थिति गलन के द्वारा एकदेश निर्जरा को प्राप्त होता है वह देश–प्रकृति विपरिणामना कही जाती है। जो प्रकृति सर्वनिर्जरा के द्वारा निर्जरा को प्राप्त होती है सर्व विपरिणामना कही जाती है। देश निर्जरा अथवा सर्वनिर्जरा के द्वारा निर्जीव प्रकृति अथवा जो प्रकृति देश संक्रमण या सर्व संक्रमण के द्वारा अन्य प्रकृति में संक्रमण को प्राप्त कराई जाती है वह उत्तर प्रकृति विपरिणामना कही जाती है। अपवर्तना, उद्वर्तमान अथवा अन्य प्रकृतियों में संक्रमण कराये जाने वाली स्थिति विपरिणामना कही जाती है। अपकर्षण प्राप्त अथवा उत्कर्षण अथवा अन्य प्रकृतियों को प्राप्त कराया गया भी अनुभाग विपरिणमित होता है। जो प्रदेश निर्जरा को प्राप्त हुआ है अथवा अन्य प्रकृतियों संक्रमण को प्राप्त हुआ है, वह विपरीत प्रदेशविपरिणामना कही जाती है ।