जो स्वाद को प्राप्त होता है वह रस है अथवा जो चखा जाए वह रस है अथवा आस्वादन रूप क्रिया धर्म को रस कहते है। घी, दूध आदि गोरस है। शक्कर, गुड़ आदि इक्षु रस है। द्राक्षा, आम आदि के …
जिस कर्म के उदय से रस में भेद होता है, वह रस नामकर्म है अथवा जिस कर्म के उदय से जीव के शरीर में जाति के अनुरूप तिक्त आदि रस उत्पन्न हो उसे रस नामकर्म कहते हैं। जो रस नामकर्म …
नमक, शक्कर, दूध, दही, घी, और तेल इन सब रसों का त्याग करना अथवा एक-एक रस का त्याग करना रस परित्याग नाम का तप है अथवा घृत आदि गरिष्ठ रस का त्याग करना रस – परित्याग नाम का तप है …