रस
जो स्वाद को प्राप्त होता है वह रस है अथवा जो चखा जाए वह रस है अथवा आस्वादन रूप क्रिया धर्म को रस कहते है। घी, दूध आदि गोरस है। शक्कर, गुड़ आदि इक्षु रस है। द्राक्षा, आम आदि के रस को फल रस कहते हैं और तेल, माँड आदि को धान्य रस कहते हैं। रस- परित्याग की अपेक्षा छह रस माने गए हैं- नमक, शक्कर, घी, दूध, दही, तेल ।