देखिये कुलकर ।
जिस नाम कर्म के उदय से जीव मनुष्य पर्याय को या मनुष्यपने का प्राप्त होता है वह मनुष्यगति नाम कर्म है। मनुष्यगति में ही तप होता है, मनुष्य गति में ही समस्त महाव्रत होते हैं, मनुष्यगति में ही ध्यान होता …
समूचे लोक में त्रसनाली के बहु मध्य भाग में चित्रा पृथिवी के उपरिम भाग में पैंतालीस लाख योजन प्रमाण विस्तार वाला अतिगोल मनुष्य लोक है। उस मनुष्य लोक के बहुमध्य भाग में एक लाख योजन विस्तार से युक्त गोल और …