मूर्त
जो पदार्थ जीवों के इन्द्रिय – ग्राह्य विषय हैं वे मूर्त हैं अथवा रूपादिमान् होना ही मूर्तत्व है अर्थात् जो पदार्थ रूप, रस, गन्ध व स्पर्श सहित है वे मूर्त या रूपी है छह द्रव्यों में से एक मात्र पुद्गल द्रव्य मूर्तिक है शेष सभी अमूर्तिक है संसारी जीव कथंचित मूर्तिक हैं इसी कारण मूर्त कर्मों से बंधता है।