मूर्च्छा
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मूर्च्छा का अर्थ मोह या ममत्व भाव है अथवा हाथी, घोड़ा, माणिक्य, मोती आदि बाह्य चेतन अचेतन परिग्रह तथा रागादिरूप अभ्यन्तर परिग्रह का संरक्षण, अर्जन और संवर्धन आदि रूप व्यापार ही मूर्च्छा है।
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