मूढ़ता
मूढ़ता का अर्थ अविवेक है यह तीन प्रकार की होती है- लोक मूढ़ता देव मूढ़ता तथा गुरू मूढ़ता या समय मूढ़ता । धर्म समझकर गंगा जमुना आदि नदियों में या सागर में स्नान करना, बालू और पत्थर आदि का ढेर लगाना, पर्वत से गिरकर मर जाना और अग्नि में जल जाना लोक मूढ़ता कहलाती है आशावान होकर वर की इच्छा से राग द्वेषरूपी मैल से मलिन देवताओं की जो उपासना की जाती है वह देवमूढ़ता कहलाती है। आरम्भ – परिग्रह व हिंसा से युक्त संसार चक्र में भ्रमण करने वाले पाखण्डी साधु का आदर सत्कार भक्ति पूजादि करना गुरूमूढ़ता है।