उदय का अभाव होने पर भी जो कषाय का संस्कार जितने काल तक रहे उसका नाम वासनाकाल है संज्वलन क्रोध, मान, माया व लोभ का वासना काल अन्तर्मुहूर्त काल है प्रत्याख्यान क्रोध, मान, माया व लोभ का वासना काल एक …
बारहवें तीर्थंकर | चम्पापुरी के राजा वसुपूज्य और रानी जयावती के यहाँ जन्म हुआ। इनकी आयु बहत्तर लाख वर्ष थी और शरीर सत्तर धनुष ऊँचा था । शरीर की आभा कुंकुम के समान लाल थी । कुमार काल के अठारह …