वासुपूज्य
बारहवें तीर्थंकर | चम्पापुरी के राजा वसुपूज्य और रानी जयावती के यहाँ जन्म हुआ। इनकी आयु बहत्तर लाख वर्ष थी और शरीर सत्तर धनुष ऊँचा था । शरीर की आभा कुंकुम के समान लाल थी । कुमार काल के अठारह लाख वर्ष बीत जाने पर संसार से विरक्त होकर जिनदीक्षा ग्रहण कर ली । एक वर्ष की कठिन तपस्या के फलस्वरूप इन्हें केवलज्ञान हुआ। इनके संघ में छियासठ गणधर, बहत्तर हजार मुनि, एक लाख छह हजार आर्यिकाएँ, दो लाख श्रावक और चार लाख श्राविकाएँ थीं। इनके पाँचों कल्याणक चम्पापुरी में हुए।