23 Julyवस्तु Posted by kundkund Comments 0 commentजो सामान्य विशेषात्मक है अथवा गुणपर्यायात्मक है वह वस्तु है। परिणमन करते रहना वस्तु का लक्षण है अथवा अर्थक्रिया कारित्व ही वस्तु का लक्षण है। Read More
23 Julyवस्तुत्व Posted by kundkund Comments 0 commentवस्तु के भाव को वस्तुत्व कहते हैं अपने स्वरूप के ग्रहण और अन्य के स्वरूप के त्याग से ही वस्तु के वस्तुत्व का व्यवस्थापन किया जाता है। Read More
23 Julyवस्त्र Posted by kundkund Comments 0 commentवस्त्र पाँच प्रकार के होते हैं अंडज, वोडज, रोमज, वक्कज और चर्मज । रेशम से उत्पन्न वस्त्र अंडज हैं। कपास से उत्पन्न वस्त्र वोडज हैं। भेड़ आदि की ऊन से उत्पन्न वस्त्र रोमज हैं। वृक्ष आदि की छाल से उत्पन्न … Read More
23 Julyवस्त्रांग Posted by kundkund Comments 0 commentवस्त्रांग जाति के कल्पवृक्ष नित्य चीन पट एवं उत्तम क्षौमादि आदि वस्त्र तथा अन्य मन और नयनों को आनन्दित करने वाले नाना प्रकार के वस्त्र आदि देते हैं । Read More