शुभ और अशुभ के भेद से वचन दो प्रकार के होते हैं। आख्यान, कला, पैशून्य, असम्बद्ध प्रलाप, रति, अरति, उपधि, निकृति, अप्रणति, मोष सम्यग्दर्शन और मिथ्यादर्शन के भेद से भाषा बारह प्रकार की है । हिंसादि से विरक्त मुनि या …
वचन गुप्ति के दो लक्षण बताये गये हैं-दुर्वचना का त्याग व मौन धारण । यहाँ उन्हीं की अपेक्षा वचन गुप्ति के दो प्रकार से अतिचार बताए गए है। भाषा समिति के प्रकरण में बताए गए कर्कशादि वचनों का उच्चारण अथवा …