दाता को मंत्र की महिमा बताकर और मंत्र देने की आशा दिलाकर यदि साधु आहार प्राप्त करे तो यह मंत्रोत्पादन – दोष है।
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दाता को मंत्र की महिमा बताकर और मंत्र देने की आशा दिलाकर यदि साधु आहार प्राप्त करे तो यह मंत्रोत्पादन – दोष है।
मछली की भाँति कटिभाग को ऊपर निकालकर वन्दना अदि करना मत्स्योद्धर्त दोष है।
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