चारित्रमोह का उदय होने पर राग भाव से युक्त स्त्री और पुरुष के जो एक-दूसरे को स्पर्श करने की इच्छा होती है वह मैथुन कहलाता है अथवा स्त्री व पुरुष के मन, वचन व काय स्वरूप विषय व्यापक को मैथुन …
राग के वशीभूत होकर स्त्री और पुरूष में जो परस्पर कामसेवन की इच्छा होती है उसे मैथुन-संज्ञा कहते हैं।