जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु बादलों में स्थित जलकायिक जीवों की विराधना न करते हुए उनके ऊपर से जाने में समर्थ होते हैं, उसे मेघचारण- ऋद्धि कहते हैं ।
जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु बादलों में स्थित जलकायिक जीवों की विराधना न करते हुए उनके ऊपर से जाने में समर्थ होते हैं, उसे मेघचारण- ऋद्धि कहते हैं ।
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