23 Julyमज्जानुराग Posted by kundkund Comments 0 commentसाधर्मी जनों के प्रति ऐसा सुदृढ़ अनुराग होना जो विपत्ति या विषम परिस्थिति आने पर भी परस्पर अस्थि व मज्जा के समान न छूटे अर्थात् बना रहे, इसे मज्जानुराग कहते हैं। Read More