1. किसी को अपने इष्ट स्थान में जाने से रोकने के कारण को बन्ध कहते हैं । 2. जिनसे कर्म बंधे वह कर्मों का बंधना ही बन्ध है। यह बन्ध दो प्रकार का है – द्रव्य बन्ध और भाव बन्ध …
अनादि बंधन बद्धत्व भी साधारण गुण है। सभी द्रव्य अपने अनादि कालीन स्वभाव संतति से बद्ध हैं, सभी के अपने-अपने स्वभाव अनादि अनंत हैं अर्थात् जीव, धर्म, अधर्म, आकाश, काल और पुद्गल नाम द्रव्य क्रमशः पारिणामिक, चैतन्य, उपयोग, गतिदान, स्थितदान, …