अवसर्पिणी के दुषमासुषमा काल के उपरान्त दुषमा नाम का पंचमकाल आता है, जिसमें मनुष्य सुख दुःख से संयुक्त होते हैं। 23वें तीर्थंकर तक मिथ्या मतों का प्रचार अधिक न होगा, 24वें तीर्थंकर के काल में कुलिंगी उत्पन्न हो जाएँगे। साधु …
जो शरीर के पाँच अगों अर्थात् दोनों हाथ, दोनों घुटने और सिर को भूमि से लगाकर नमस्कार किया जाता है उसे पंचांग- नमस्कार कहते हैं।
पंचाध्यायी – 15_पंचाध्यायी nikkyjain@gmail.com Date : 17-Nov-2022 Index अधिकार मंगलाचरण उत्तरार्द्ध Index गाथा / सूत्र विषय मंगलाचरण 1-001) मंगलाचरण और आशय 1-007) सामान्य-विशेष वस्तु के कथन की प्रतिज्ञा 1-008) सामान्य वस्तु (सत्) — स्वत:सिद्ध, स्वसहाय, निर्विकल्प और अनादि-निधन 1-009) ऐसा …