पंचपरमेष्ठी की भक्ति, शास्त्र स्वाध्याय, तत्व – चिन्तन, रत्नत्रय व संयम आदि में मन को लगाना धर्मध्यान है। धर्मध्यान के चार भेद हैंआज्ञा-विचय, अपाय- विचय, विपाक- विचय और संस्थान- विचय | पाँच अस्तिकाय, छह जीव निकाय, काल द्रव्य तथा इसी …
Encyclopedia
- Home
- Page 2