आर्य अनार्य भेदयुक्त बत्तीस जनपदों में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रापक जो वचन है वह जनपद सत्य है ।
तीर्थंकर के जन्म का उत्सव जन्म कल्याणक कहलाता है तीर्थंकर का जन्म होने पर देव भवनों व स्वर्ग में घंटा आदि स्वयमेव बजने लगते हैं और इन्द्रों के आसन कम्पायमान हो जाते हैं जिससे उन्हें तीर्थकर के जन्म का निश्चय …
यह मध्यलोक का प्रथम द्वीप है इनके उत्तरकुरू नामक स्थान में शाश्वत पृथिवीमयी अकृत्रिम और परिवार वृक्षों से युक्त जम्बू वृक्ष होने के कारण से इसे जम्बूद्वीप कहते हैं। इसका विष्कम्भ एक लाख योजन है इसके मध्य में सुमेरू पर्वत …