मीमांसा परीक्षा अतिचार
अपना बल और दूसरे का बल इसमें कम और ज्यादा किसका है, इसकी परीक्षा करना इससे होने वाले अतिचार को मीमांसा परीक्षा अतिचार कहते हैं। जैसे- फैले हुए हाथों को समेट लेना, संकुचित हाथ को फैला लेना । धनुष को डोरी लगाकर सज्ज करना, पत्थर फेंकना, माटी का ढेला फेंकना, बाधा देना, मर्यादा बाड़ को उल्लंघना, कंटकादि को लांघकर गमन करन पशु, सप्र प्राणियों को मंत्र की परीक्षा करने के लिए अंजन और चूर्ण का प्रयोग करना, द्रव्यों का संयोग करने से त्रस और एकेन्द्रिय जीवों की उत्पत्ति होती है या नहीं इसकी परीक्षा करना इन कृत्यों को परीक्षा कहते हैं। ऐसे कृत्य करने से व्रतों में दोष उत्पन्न होते हैं।