मात्सर्य
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1. सम्यग्ज्ञान का अभ्यास किया है वह देने योग्य भी है तो भी जिस कारण से वह नहीं दिया जाता वह मात्सर्य है। यह ज्ञानावरण व दर्शनावरण कर्म के आस्रव का कारण है।2. दान देते हुए भी आदरभाव का न होना या दूसरे दाता के गुणों को न सह सकना मात्सर्य है।
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