उपग्रह व्यभिचार
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उपसर्ग के निमित्त से परस्मैपद के स्थान पर आत्मने पद और आत्मनेपद के स्थान पर परस्मै का कथन कर देने को उपग्रह व्यभिचार कहते हैं जैसे रमते के स्थान विरमति तिष्ठति के स्थान पर संतिष्ठते और विशते के स्थान पर निविशते का प्रयोग व्याकरण में किया जाना प्रसिद्ध है।
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