उपसर्ग
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1. साधुजनों पर आने वाली विपत्ति या संकट को उपसर्ग कहते हैं। उपसर्ग चार प्रकार का है – मनुष्य – कृत, देवकृत, तिर्यचकृत और प्रकृतिजन्य । 2. देव, मनुष्य आदि के द्वारा साधु के ऊपर उपसर्ग होने पर आहार में बाधा होती है यह उपसर्ग नाम का अन्तराय है।
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