मूल स्थान Posted by kundkund Date July 23, 2026 Comments 0 commentआहार, पिच्छी और वसतिका आदि को शोधन किये बिना ही जो साधु उनका प्रयोग करता है, वह मूल स्थान नामा दोष को प्राप्त होता है।Share:ABOUT INSTRUCTOR kundkund Previous post ज्ञानावर्ण July 23, 2026You may also like ज़िनागम का सार भाग 1 30 November, 2024 antarang tap 19 April, 2024antarang tap अंतरंग तप 5 September, 2023