पृथिवी
पृथिवी को एकेन्द्रिय स्थावर जीव माना गया है। पृथिवी, पृथिवीकाय, पृथिवीकायिक और पृथिवी जीव ये चार भेद पृथिवी के हैं। अचेतन होने से यद्यपि जिसमें पृथिवी नामकर्म का उदय नहीं है परन्तु जो विस्तार आदि गुण वाली है, वह पृथिवी कहलाती है। काय का अर्थ शरीर है इसलिए पृथिवीकायिक जीव के द्वारा जो शरीर छोड़ दिया जाता है, वह पृथिवीकाय कहलाता है। जिस जीव के पृथिवीरूप काय अर्थात् शरीर विद्यमान है, उसे पृथिवीकायिक कहते हैं। कार्मणकाय योग में स्थित अर्थात् विग्रहगति में स्थित जिस जीव ने जब तक पृथिवी को काय रूप से ग्रहण नहीं किया तब तक वह पृथिवी जीव कहलाता है।