जो चक्रवती और बलदेवों के चलने योग्य होते हैं, जो सर्व आयुधों से परिपूर्ण होते हैं, जो पवन के समान वेग वाले होते हैं और घुर के टूट जाने पर भी जिनके चक्रों की इस प्रकार की रचना होती है, …
1. जो स्पर्श किया जाता है उसे या स्पर्शन मात्र को स्पर्श कहते हैं यह स्पर्श गुण का लक्षण है। स्पर्श गुण के आठ भेद हैं कोमल, कठोर, भारी, हल्का, ठंडा, गरम, स्निग्ध और रूक्ष । 2. जिस कर्म के …